
आजकल कई लोग cough syrup (कफ़ सिराफ़) का इस्तेमाल सिर्फ़ खांसी रोकने के लिए नहीं, बल्कि नशे (addiction) के रूप में भी करने लगे हैं। ये trend खासकर युवाओं में बढ़ रहा है।
क्यों होता है खतरा?
- कफ़ सिराफ़ में codeine, dextromethorphan या अन्य sedative compounds होते हैं।
- जब इसे prescribed dose से ज़्यादा लिया जाता है, तो body पर direct असर पड़ता है –
- सांस लेने में दिक्कत (breathing problems)
- नींद में बेहोशी (drowsiness → coma)
- दिल और दिमाग पर प्रेशर
- Overdose के cases में सीधे death तक हो सकती है।
नशे के रूप में इस्तेमाल
कई youth इसे “time pass drug” समझकर पीते हैं क्योंकि शुरू में यह high feeling देता है। लेकिन सच यह है कि:
- ये लत (addiction) पैदा करता है।
- धीरे-धीरे liver और kidney fail होने लगते हैं।
- अचानक overdose से instant मौत भी हो सकती है।
क्यों बेचने वाले को फ़ायदा, यूज़र को नुकसान
Pharma companies तो profit कमाती हैं –
- Loan पर product push होता है
- Insurance add-on होता है
- Interest aur hidden charges भी जुड़ते हैं
लेकिन यूज़र को मिलता है सिर्फ़ नुकसान – health भी जाता है और पैसे भी।
क्या करें?
- कभी भी cough syrup सिर्फ़ doctor की सलाह पर ही लें।
- अगर खांसी लंबी चल रही है, तो खुद दवा न लें – specialist से consult करें।
- Parents और teachers को youth पर नज़र रखनी चाहिए।
- Government और society दोनों को मिलकर awareness फैलानी चाहिए कि “कफ़ सिराफ़ नशा नहीं, ज़हर है।”
👉 निष्कर्ष:
“कफ़ सिराफ़ से मौत कोई अफ़वाह नहीं, हकीकत है। दवा हमेशा दवा की तरह लें, मज़े के लिए नहीं।”